कंप्यूटर क्या है ? what is Computer ?
सॉफ्टवेयर क्या है ? What is software?
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ? What is operating system?
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर क्या है ? What is application software?
प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर क्या है ? What is programming software?
नेटवर्क क्या है ? What is network?
सर्वर क्या है ? What is server?
इंटरनेट क्या है ? What is Internet?
ई-मेल क्या है ? What is e-mail?
डेस्कटॉप क्या है ? What is desktop?
डेस्कटॉप आइकॉन क्या है ? What is desktop icon?
पर्सनल कंप्यूटर क्या है ? What is personal computer?
मॉनिटर क्या है ? What is monitor?
कीबोर्ड क्या है ? What is keyboard?
माउस क्या है ? What is a mouse?
Memory क्या है? What is Memory?
प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर क्या है ?
What is programming software?
प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर
डाटा प्रोसेस करके उसे इन्फोर्मेशन में बदलने के लिए जरूरी काम करने का निर्देश देने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम में इंस्ट्रक्शंस का समूह होता है। एक कंप्यूटर प्रोग्रामर प्रोग्रामिंग लेंग्वेज का प्रयोग करते हुए इन इंस्ट्रक्शंस को लिख सकता है। प्रोग्रामिंग लेंग्वेज वर्ड्स, सिंबल और कोड्स का समूह होता है, जिनका कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस और एक्सेस कर सकने लायक इंस्ट्रक्शंस क्रिएट करने में इस्तेमाल होता है। प्रोग्रामर कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार करने के लिए जो स्टेप्स उठाता है, उसे प्रोग्राम डेवलपमेंट लाइफ साइकिल (PDLC) कहते हैं।
प्रोग्रामिंग लेंग्वेज
प्रोग्रामिंग लेंग्वेज वर्ड्स, सिंबल और कोड्स का समूह होता है, जो प्रोग्रामर को कंप्यूटर में सॉल्यूशन एलगोरिदम (गणना प्रक्रिया) पहुंचाने में सक्षम बनाते हैं। जिस तरह आदमी इंग्लिश, हिंदी, पंजाबी, फ्रेंच आदि बोली जाने वाली विभिन भाषाओं को समझता है, उसी तरह कंप्यूटर विभिन्न प्रोग्रामिंग लेंग्वेज को समझता है। कंप्यूटर प्रोग्रामर इन्फोर्मेशन सिस्टम की जरूरतों का सॉल्यूशन क्रिएट करने के लिए विभिन्न प्रोग्रामिंग लेंग्वेज या प्रोग्राम डेवलपमेंट टूल्स में से किसी एक को चुन सकता है।
प्रोग्राम डेवलपमेंट टूल्स
प्रोग्राम डेवलपमेंट टूल्स में इन्फोर्मेशन सिस्टम सॉल्यूशन को बनाने में मदद करने के लिए बने यूजर-फ्रेंडली सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स होते हैं। ये प्रोग्राम डेवलपमेंट टूल्स कंप्यूटर में कम्युनिकेट करने के लिए जरूरां प्रोग्रामिंग लेंग्वेज इंस्ट्रक्शंस स्वतः ही क्रिएट करते हैं। प्रोग्राम डेवलपमेंट टूल्स के साथ, एक डेवलपर को प्रोग्रामिंग लेंग्वेज सीखने की विशेष रूप से जरूरत नहीं है।
प्रोग्राम डेवलपमेंट लाइफ साइकिल
प्रोग्राम डेवलपमेंट लन के लिए प्रोग्राम लोजिक तैयार करना।
कोडिंग करते हुए विशेष प्रोग्रामिंग लेंग्वेज में प्रोग्राम लोजिक लिखना।
मशीन लेंग्वेज में बदलने के लिए प्रोग्राम को असेंबली और कंपाइल करना।
प्रोग्राम को टैस्टिंग व डीबगिंग करना।
जरूरी डाक्यूमेंटेशन तैयार करना।इफ साइकिल, स्टेप्स का ऐसा सैट होता है, प्रोग्रामर्स जिसका कंप्यूटर प्रोग्राम्स बनाने में इस्तेमाल करते हैं। चूंकि प्रोग्राम डेवलपमेंट लाइफ साइकिल, इन्फोर्मेशन सिस्टम के डेवलपमेंट के जरिए इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (आई.टी.) के प्रोफेशनल्स को गाइड करता है। इसलिए प्रोग्राम डेवलपमेंट लाइफ साइकिल, प्रोग्राम डेवलपमेंट के जरिए कंप्यूटर प्रोग्रामर्स को गाइड करता है।
पी.डी.एल.सी. के स्टेप्स हैं:
विशिष्ट समस्या के निदा
लोजिक, प्रोग्रामिंग का साधारणतया सबसे कठिन हिस्सा है। स्टेटमेंट्स राइटिंग भी प्रोग्रामिंग लेंग्वेज के आधार पर मेहनत का काम हो सकता है। लेकिन एक बात निश्चित है कि ज्यादातर प्रोग्रामर्स द्वारा प्रोग्राम की डॉक्यूमेटिंग बहुत खोजभरा
काम माना जाता है।
प्रोग्रामिंग लेंग्वेजेस की केटेगरी
प्रोग्रामिंग लेंग्वेजेज में मशीन लेंग्वेजेस, असेंबली लेंग्वेजेस, थर्ड जेनरेशन लेंग्वेजेस, फोर्थ जेनरेशन लेंग्वेजेस और नेचुरल लेंग्वेजेस नाम की पांच मुख्य लेंग्वेजेस हैं। मशीन व असेंबली लेंग्वेजेस लो-लेवल लेंग्वेजेज मानी जाती हैं। धर्ड-जेनरेशन लेंग्वेजेस, फोर्थ जेनरेशन लेंग्वेजेस और नेचुरल लेंग्वेजेस, हाई-लेवल लेंग्वेज हैं। लो-लेवल लेंग्वेजेस एक खास प्रकार के कंप्यूटर को चलाने के लिए राइट की जाती है। हाई लेवल लेंग्वेज कई विभिन्न प्रकार के कंप्यूटरों को चला सकती है। मशीन लेंग्वेजः फस्ट्र जेनरेशन लेंग्वेज के नाम से मशहूर मशीन लेंग्वेज अकेली लेंग्वेज है, जिसे कंप्यूटर सीधा समझता है। मशीन लेंग्वेज इंस्ट्रक्शंस बाइनरी डिजिट्स (18 and 08) की सीरीज प्रयोग करती है। बाइनरी डिजिट्स कंप्यूटर की इलैक्ट्रिकल स्थिति को ऑन व ऑफ करती है।
मशीन लेंग्वेज
प्रोग्राम्स केवल उन कंप्यूटरों पर चलते हैं, जिनके लिए वे बनाए गए हैं। इसलिए वे मशीन-डिपेंडेंट हैं। मशीन लैंग्वेज प्रोग्राम्स अन्य कंप्यूटरों के लिए पोर्टेबल नहीं हैं। मशीन लेंग्वेज की 18 और Os में प्रोग्राम्स की कोडिंग उबाऊ और ज्यादा समय खपाने वाली हो सकती है।
असेंबली लैंग्वेज
असेंबली लेंग्वेज भी प्रोग्रामिंग लेंग्वेज की सेकंड जेनरेशन है, जो इसलिए डेवलप की गई. क्योंकि मशीन लेग्वेज प्रोग्राम्स लिखने में इतने कठिन थे। असेंबली लेंग्वेज में इस्ट्रक्शंस, एब्रीविएशंस और कोड्स का इस्तेमाल
करते हुए लिखे जाते हैं। मशीन लेंग्वेज की तरह असेंबली लेंग्वेज प्रायः पढ़ने में कठिन और मशीन-डिपेंडेंट होती है। हालाकि मशीन लेंग्वेज के मुकाबले असेंबली लेंग्वेज के कई लाभ है। प्रोग्रामर 18 और Os बिट्स सीरीज इस्तेमाल करने
के बजाय सिंबोलिक इंस्ट्रक्शंस कोड्स या मेनोमोनिक्स कहलाने वाली मीनिंगफुल एन्त्रीविएशंस का प्रयोग करता है। असेंबली लेंग्वेज के साथ एक प्रोग्रामर, एडीशन के लिए ए, कंपेयर के लिए सी. लोड के लिए एल और मल्टीप्लाई के लिए एम जैसे कोड्स लिखता है। असेंबली लेंग्वेज में प्रोग्रामर सिंबोलिक एड्रेस की स्टोरेज लोकेशन बताता है। उदाहरण के लिए एक प्रोग्रामर यूनिट प्राइस का एक्चुअल न्यूमेरिक स्टोरेज एड्रेस का प्रयोग करने के बजाय वह सिंबोलिक नेम PRICE का इस्तेमाल कर सकता है।
असेंबली लेंग्वेज प्रोग्राम की एक दिक्कत यह है कि इसे कंप्यूटर को समझाने के लिए मशीन लेंग्वेज में ट्रांसलेट करना पड़ता है। असेंबली लेंग्वेज कोड वाले प्रोग्राम सोर्स प्रोग्राम कहलाते हैं। कंप्यूटर इस सोर्स प्रोग्राम को तब तक अंडरस्टैंड या एग्जीक्यूट नहीं कर सकता, जब तक ये ट्रांसलेटिड न हो। असेंबलर कहलाने वाला एक प्रोग्राम असेंबली लेंग्वेज सोर्स प्रोग्राम को उस मशीन लेंग्वेज में बदल देता है, जिसे कप्यूटर समझ सकता है।
हाई-लेवल लेंग्वेजेस
हाई लेवल लेंग्वेजेस 1950 और 1960 के दशक में विकसित की गई। मशीन व असेवाल लेंग्वेज जैसी लो लेवल लेंग्वेज के विपरीत, हाई-लेवल लेंग्वेजेस प्रोग्रामर के लिए प्रोग्राम्स डेवलप व मेंटेन करना आसान बनाती है। प्रोग्रामर्स के लिए पढ़ना और इस्तेमाल करना भी आसान हो गया है, क्योंकि हाई लेवल लेगवे मशीन-इनडिपेंडेंट हैं। मतलब कि वह कई विभिन्न प्रकार के कंप्यूटरों पर चल सकते हैं। हाई-लेवल लेंग्वेजेस केटेगरी में थर्ड जेनरेशन लेंग्वेजेस, फोर्थ-जेनरेशन लेंग्वेजेस और नेचुरल लेंग्वेजेस हैं।
बर्ड-जेनरेशन लेंग्वेजेस
थर्ड जेनरेशन लेंग्वेजेस इंस्ट्रक्शन अंग्रेजी के शब्दों की तरह सीरीज में लिखे जाते हैं। उदाहरण के लिए, प्रोग्रामर एडीशन के लिए ADD और प्रिंट के लिए PRINT लिखता है। कई थर्ड जेनरेशन लेंग्वेज मल्टीप्लीकेशन के लिए x और एडोशन के लिए A जैसे अर्थमैटिक ऑपरेटर्स का इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेजी की तरह के ये शब्द और गणितीय चिह्न प्रोग्रामर के लिए प्रोग्राम डेवलपमेंट प्रोसेस को सरल बनाते हैं।
जिस तरह असेंबली लेंग्वेज प्रोग्राम में 3GL कोड्स को सोर्स प्रोग्राम कहा जाता हैं, जो कंप्यूटर को समझने लायक बनाने के लिए मशीन लेंग्वेज में ट्रांसलेट किए जाते हैं। यह ट्रांसलेट प्रोसेस अक्सर बहुत कठिन होता है, क्योंकि एक 3GL सोर्स प्रोग्राम इंस्ट्रक्शन कई मशीन लेंग्वेज इंस्ट्रक्शंस में ट्रांसलेट होती हैं। कंपाइलर और इंटरप्रेटर थर्ड जेनरेशन लेंग्वेजेश को ट्रांसलेट करने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रोग्राम्स हैं।
कंपाइलर
कंपाइलर एक बार पूरे सोर्स प्रोग्राम को मशीन लेंग्वेज में कन्वर्ट करता है। यदि कंपाइलर को कोई ए मिलती है. तो वह उन्हें प्रोग्राम लिस्टिंग फाइल में रिकार्ड करता है, जिन्हें कोई प्रोग्रामर पूरी कंपापलेशन का काम समाप्न होने के बाद प्रिंट कर सकता है। मशीन लेंग्वेज वर्जन, SGL से कंपाइल करता है, उसे ऑब्जेक्ट कोड या प्रोग्राम कहा जाता है। बाद में ऑब्जेक्ट कोड को एग्जीक्यूशन के लिए डिस्क पर स्टोर किए जाते हैं। इंटरप्रेटर : जब कंपाएलर एक बार पूरा प्रोग्राम ट्रांसलेट कर लेता है, तो इंटरप्रेटर प्रोग्राम कोड स्टेटमेंट को ट्रांसलेट कसा
है। इंटरप्रेटर कोड स्टेटमेंट को पढ़ता है. वह इसे एक या ज्यादा मशीन लेंग्वेज इंस्ट्रक्शंस में बदलता है और वह प्रोग्राम में अगले कोड स्टेटमेंट से पहले मशीन लेंग्वेज इंस्ट्रक्शंस को एग्जीक्यूट करता है। यदि इंटरप्रेटर कोड की लाइन बदलते समय कोई एरर देखता है, तो स्क्रीन पर तुरंत ही एरर मैसेज डिसप्ले होता है और इंटरप्रेशन रुक जाती है। हर बार आप सोर्स प्रोग्राम चलाते हैं. सोर्स प्रोग्राम मशीन लेंग्वेज में इंटरप्रेट होते हैं, स्टेटमेंट के बाद स्टेटमेंट और तब एग्जीक्यूट होता हैं।
फोर्थ-जेनरेशन लेंग्वेजेस
3GL की तरह फोर्थ जेनरेशन लेंग्वेजेस (4GL) अंग्रेजी तरह की स्टेटमेंट का प्रयोग करती है। फिर भी, 4GL नॉन प्रोसीजरल लेंग्वेज है। इसका मतलब है कि प्रोग्रामर सिर्फ क्या का उल्लेख करता है और प्रोग्राम कैसे को बिना पूछे सहयोग करता है। परिणामस्वरूप, 4GL में प्रोग्राम कोड करने में कम समय और प्रोग्रामर के कर प्रयासों की जरूरत होती है। वास्तव में, 4GL8 इस्तेमाल में इतने आसान है कि बहुत कम प्रोग्रामिंग की समझ रखने वाले यूजर्स, फोर्थ-जेनरेशन लेंग्वेजेस का इस्तेमाल करके प्रोग्राम डेवलप कर सकते हैं।
कई 4GLS डाटाबेस और उसकी प्रोजेक्ट डिक्शनरी के साथ तालमेल से काम करती है। ये शक्तिशाली लेंग्वेजेस डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर्स को डाटाबेस व उसके स्ट्रक्चर को डिफाइन करने, प्रोग्रामर्स को डाटाबेस में डाटा मेंटेन करने औ यूजर्स को डाटाबेस से सवाल करने की अनुमति देती हैं। कुछ डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम रिपोर्ट राइटर उपलब्ध कराते हैं। रिपोर्ट राइटर या रिपोर्ट जेनरेटर सॉफ्टवेयर है, जो डेवलपर को स्क्रीन पर रिपोर्ट डिजायन या लेआउट करने, रिपोर्ट लेआउट में डाटा एक्सट्रेक्ट करने और तब रिपोर्ट डिस्प्ले या प्रिंट करने में सक्षम बनाते हैं।
फिफ्थ जेनरेशन लैंग्वेज
फिफ्थ जेनरेशन कंप्यूटर कशत्रिम समझ के रूप में इस्तेमाल किए गए। अर्थात् इसका आशय है कि यहां पर निर्णय सिर्फ कंप्यूटर द्वारा किए जाने हैं। फिफ्थ जेनरेशन के कंप्यूटर को तैयार करने का उद्देश्य एसे डिवाइस तैयार करना है जो आम भाषा के साथ काम करे और यह इसे सीखने में और आर्गनाइज्ड करने में सक्षम हो। रोबोट इसका एक अच्छा उदाहरण है।
Our Social Media Sites
👉Jᴏɪɴ Telegram Group🧙♀️
Telegram Group
👉Jᴏɪɴ Telegram Channel💁♀️
Telegram Channel
💁♀️Join YouTube Channel👈
Youtube
👉Join WhatsApp Channel👈
WhatsApp
9555496252
======================
👉Follow On Facebook👈
Facebook
👉Follow On Instagram👈
Instagram
✅️ Post अच्छा लगे तो Reaction❤️👌👏👍🤟🤘🙏💁🏻 और SHARE जरूर करे!