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अलंकार किसे कहते है ? उदाहरण सहित हिंदी में पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड
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अलंकार किसे कहते है ?
उदाहरण सहित हिंदी में पीडीऍफ़…………….

 

अलंकार……….

 

वाक्य की शोभा बढ़ाने वाले

शब्दों को अलंकार

कहते हैं।

जिस प्रकार स्त्री की

शोभा आभूषण से होती हैं

उसी प्रकार वाक्य की

शोभा अलंकार से होती हैं।

अलंकार शब्द दो शब्दों

से मिलकर बना हैं

अलम + कार।

अलम का अर्थ आभूषण होता हैं।

अलंकार के प्रकार

अलंकर निम्न प्रकार के होते है

  1. शब्दालंकार…….
  2. अर्थालंकार…….
Shabdalankar ……..
शब्दालंकार………….

शब्दालंकार दो शब्द से

मिलकर बना है-

शब्द + अलंकार

शब्द के दो रूप है…….

ध्वनि और अर्थ।

ध्वनि के आधार पर

शब्दालंकार की

सृष्टी होती है।

इस अलंकार में

वर्ण या शब्दों की

लयात्मकता या

संगीतात्मकता होती है,

अर्थ का चमत्कार नहीं।

जिस अलंकार में शब्दों के

प्रयोग के कारण कोई

चमत्कार उपस्थित

हो जाता है

और उन शब्दों के

स्थान पर समानार्थी

दूसरे शब्दों के रख देने से

वह चमत्कार समाप्त हो जाता है,

वह शब्दालंकार माना जाता है

अर्थात जो अलंकार शब्दों के

माध्यम से काव्यों को

अलंकृत करते हैं,

वे शब्दालंकार कहलाते हैं।

शब्दालंकार के भेद………

 

  1. अनुप्रास अलंकार………..
  2. यमक अलंकार……….
  3. श्लेष अलंकार………….

Anupras Alankaar…..

अनुप्रास अलंकार……….

वर्णों की आवृत्ति को

अनुप्रास कहते है।

आवृत्ति का

अर्थ है-

‘किसी वर्ण का

एक से अधिक बार आना’।

अनुप्रास दो शब्दों के

मेल से बना है

‘अनु+प्रास’, ‘अनु’ का अर्थ है-

बार-बार तथा

‘प्रास’ का अर्थ है

-वर्ण अर्थात जहाँ

स्वर की समानता

के बिना भी

वर्णों की बार-बार

आवृत्ति होती है,

या जिस रचना

में व्यंजन वर्णों

की आवृत्ति एक

या दो से अधिक

बार होती है,

वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

  1. अनुप्रास अलंकार के प्रकार…………..
  2. छेकानुप्रास अलंकार……..
  3. वृत्यानुप्रास अलंकार……………
  4. लाटानुप्रास अलंकार………….

 

Yamak Alankar…………
यमक अलंकार……………..

जिस जगह एक

ही शब्द एक से

अधिक बार प्रयुक्त हो,

लेकिन उस

शब्द का अर्थ

हर बार भिन्न हो,

वहाँ यमक

अलंकार होता है ।

जिस प्रकार

अनुप्रास अलंकार

में किसी एक

वर्ण की आवृति

होती है

उसी प्रकार

यमक अलंकार

में किसी काव्य

का सौन्दर्य बढ़ाने

के लिए एक शब्द

की बार-बार आवृति

होती है।

प्रयोग किए गए

शब्द का अर्थ

हर बार अलग

होता है।

शब्द की दो

बार आवृति होना

वाक्य का यमक

अलंकार के अंतर्गत

आने के लिए आवश्यक है।

Slesh Alankar…….
श्लेष अलंकार………….

 

श्लेष का

अर्थ होता है

चिपका

हुआ

या मिला हुआ।

जब एक ही

शब्द से हमें

विभिन्न अर्थ

मिलते हों तो

उस समय

श्लेष अलंकार

होता है।

यानी जब

किसी शब्द का

प्रयोग एक बार ही

किया जाता है

लेकिन उससे

अर्थ कई निकलते हैं

तो वह श्लेष अलंका

कहलाता है।

Arthalankar…………
अर्थालंकार………………

जिस अलंकार

में अर्थ के

माध्यम से

काव्य में

चमत्कार

उत्पन्न होता है,

वहाँ अर्थालंकार

होता है।

दूसरे शब्दों में

जब किसी वाक्य

या छंद को अर्थों के

आधार पर सजाया

जाये तो ऐसे अलंकार

को अर्थालंकार कहते हैं

अर्थालंकार के

मुख्यतः पांच भेद हैं ……………………..

  1. उपमा……….
  2. रूपक………
  3. उत्प्रेक्षा……..
  4. अतिश्योक्ति……….
  5. अतिश्योक्ति……….
  6. अतिश्योक्ति……….
  7. मानवीकरण……….
उपमा अलंकार……….

जब किन्ही दो

वस्तुओं के गुण,

आकृति,

स्वभाव

आदि में

समानता

दिखाई जाए

या दो भिन्न वस्तुओं

ki तुलना

ki जाए,

तब वहां

उपमा

अलंकर होता है।

उपमा अलंकार

में एक वस्तु

या प्राणी ki

तुलना दूसरी

प्रसिद्ध वस्तु के साथ

ki जाती है।

 

उपमा अलंकार के

चार अंग होते हैं……

  1. उपमेय………
  2. उपमान…….
  3. साधारण धर्म, और…….
  4. वाचक शब्द………..
Rupak Alankar……
रूपक अलंकार……

 

जब गुण की अत्यंत

समानता के

कारण उपमेय

को ही उपमान

बता दिया जाए

यानी उपमेय

ओर उपमान

में अभिन्नता

दर्शायी जाए

तब वह रूपक

अलंकार

कहलाता है।

दूसरे शब्दों में

रूपक अलंकार

में उपमान

और उपमेय

में कोई

अंतर नहीं

दिखायी पड़ता है।

 

Utpreksha Alankar……….
उत्प्रेक्षा अलंकार………………...

जब समानता

होने के कारण

उपमेय में उपमान

के होने ki कल्पना

की जाए या

संभावना हो तब

वहां उत्प्रेक्षा

अलंकार होता है।

यदि पंक्ति में -मनु, जनु,

जनहु, जानो, मानहु मानो,

निश्चय, ईव, ज्यों आदि

आता है……….

वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

 

Atishyokti Alankar……..
अतिशयोक्ति अलंकार………

जब किसी वस्तु,
व्यक्ति आदि का
वर्णन बहुत बाधा
चढ़ा कर किया
जाए तब वहां
अतिशयोक्ति
अलंकार होता है।
इस अलंकार में
नामुमकिन
तथ्य बोले जाते हैं।

Manvikaran Alankar……….
मानवीकरण अलंकार……….

 

जब प्राकृतिक वस्तुओं

जैसे पेड़,पौधे बादल

आदि में मानवीय

भावनाओं का

वर्णन हो यानी

निर्जीव चीज़ों में

सजीव होना दर्शाया

जाए तब वहां

मानवीकरण

अलंकार आता है।


 

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