सामान्य हिंदी पीडीऍफ़ ALL HINDI PDF IN HINDI
अलंकार किसे कहते है ? उदाहरण सहित हिंदी में पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड
अनेकार्थी, शब्द किसे कहते है ?
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द परिभाषा हिंदी में pdf ..
विलोम शब्द क्या है ,परिभाषा,और उदाहरण ….
पर्यायवाची शब्द किसे कहते है ? जानिए हिंदी में…..
रस क्या है ,परिभाषा ,प्रकार ,और उदाहरण ….
हिंदी वर्णमाला और विराम चिह्न PDF In Hindi……..
हिंदी भाषा एवं बोलियाँ उ.प्र. की प्रमुख बोलियाँ……….
हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाली अशुद्धियाँ………..
वाक्य रचना किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण……………………………..
उपसर्ग / प्रत्यय किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण………………………
अव्यय किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………
वाच्य किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………….
काल किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण………..
क्रिया किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………….
कारक किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………..
विशेषण किसे कहते है ,
परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………….
वचन किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण………………………….
लिंग किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………..
सर्वनाम किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण………………
संज्ञा किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………
अनेकार्थी, शब्द किसे कहते है ?
ऐसे शब्द जिनके अनेक अर्थ होते है , उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते है |
अंबर:……………………… वस्त्र, आनोश, कपास, अभ्रक, बादल, अमृत।
अमृत :……………………. सुधा, जल, घी, अन्न, मुक्ति, पारा, सोना।
अहि :……………………… साँप, राहु, पृथिवी, सूर्य, दुष्ट, वृत्रासुर।
आराम :……………………. वाटिका, सुविधा, राहत, विश्राम।
अंकोर : …………………….गोद, भेंट, रिश्वत, कलेवा, दुपहरी।
अंब :………………………… आम का वृक्ष या फल, माता, दुर्गा।
अदिति : …………………….देवताओं की माता, पृथ्वी, प्रकृति।
अर्क :………………………. सूर्य, आक, इन्द्र, ताँबा, विष्णु, आसव।
अरुणलोचन: ………………लाल, नेत्र, कबूतर, कोकिल।
अर्भ: ………………………..बालक, शिष्य, शिशिर, सागपात।
अश्म:……………………….. पत्थर, पर्वत, बादल।
आलि :……………………… सखी, बिच्छू, भ्रमरी, पंक्ति, बाँध, सेतु।
उरु:………………………….जाँघ, विशाल, श्रेष्ठ।
ऊर्मि :………………………..लहर, दुःख, शिकन, कपड़े की सिलवट, पीड़ा।
कपिल :…………………….. अग्नि, कुत्ता, चूहा, शिलाजीत, शिव, वानर,
सूर्य, विष्णु, मटमैला, सफेद, एक मुनि।
कलधौत :……………………. सोना, चाँदी, सुमधुर, सुन्दर, धुला हुआ।
कलापिनी :………………….. मोरनी, रात्रि।
कलि :……………………….. विवाद, शिव, पाप, युद्ध, दुःख, एक युग, वीर।
कशिपु :……………………… तकिया, बिछौना, अन्न, भात, आसन, कपड़ा, प्रहलाद के पिता।
कांत :……………………….. पति, श्रीकृष्ण, विष्णु, चन्द्रमा, शिव, बसन्त, ऋतु, कार्तिकेय ।
कोष : ………………………..शब्दसंग्रह, खजाना, म्यान, डिब्बा।
कलत्र :……………………….स्त्री, नितम्ब, किला।
समानार्थी शब्द किसे कहते है ?
वे शब्द जो सामान अर्थ के कारण दूसरे शब्द का स्थान लेते है, वे समानार्थी शब्द कहलाते है |
चतुर’ समानार्थी शब्द है………………………….चालाक
‘जल’ का समानार्थी शब्द है…………………….पानी, नीर, अम्बु
‘तरंग’ का समानार्थी शब्द है…………………….उर्मि
‘तुरंग’ किसका समानार्थी शब्द है……………….घोड़ा
‘नाव’ का समानार्थी शब्द है……………………तरी, नौका, डोंगी ‘
नवनीत’ का समानार्थी शब्द है…………………..ताजा मक्खन
‘निर्वात’ का समानार्थी शब्द है………………….बिना हवा वाला
‘नम्रता’ का समानार्थी शब्द है………………….’विनीत
‘नृप’ का समानार्थी शब्द है…………………….भूप, महीप
‘पयोधि’ समानार्थी शब्द है……………………..समुद्र का
‘प्रयोजन’ का समानार्थी शब्द है……………….लक्ष्य, उद्देश्य
‘भाव’ का समानार्थी शब्द है……………………. दर, विचार, अभिप्राय
‘मनोहर’ का समानार्थी शब्द है…………………सुहावना
‘मन्तव्य’ का समानार्थी शब्द है…………………सम्मति
‘मखाना’ का समानार्थी शब्द है…………………तालमखाना
‘मुकुल’ का समानार्थी शब्द है………………….कली
शब्दार्थ
शब्द अर्थ
कनक ————————————————————-सोना, धतूरा।
सरस ————————————————————–रस से युक्त (रसयुक्त) मृदु।
शशांक————————————————————-चन्द्रमा।
वाङ्मय—————————————————————वाणी का विकार।
अजातशत्रु———————————————————–जिसका कोई शत्रु न हो।
व्यसन————————————————————–बुरी आदत, लत, दुराचरण।
अंशु—————————————————————सूर्य, किरण, वस्त्र।
वैध—————————————————————-कानूनी दृष्टि से मान्य।
परोक्ष————————————————————-जो आँखों के सामने न हो, आँखो से ओझल, गैरहाजिर।
युगल————————————————————-दो का समूह।
अंबर————————————————————-आकाश, नभ, अम्र।
दिगंबर———————————————————–नंगा, नग्न (वस्त्रहीन)।
अव्यय ———————————————————–अक्षय, नित्य, व्यय न होना, विष्णु, शिव।
स्मर ————————————————————याद, स्मृति, कामदेव।
कुलीश ——————————————————–वज्र, हीरा, कुठार।
अजिर———————————————————-आँगन, शरीर, वायु, इंद्रियविषय।
अस्तेय———————————————————चोरी न करना।
आतिथेय——————————————————-अतिथि का सत्कार करने वाला।
असन ———————————————————भोजन।
परिधान ——————————————————–पोशाक।
अन्तःपुर ——————————————————-घर या महल का भीतरी भाग जिसमें स्त्रियाँ रहती हैं।
अनेकार्थी, शब्द किसे कहते है ?
ऐसे शब्द जिनके अनेक अर्थ होते है , उन्हें अनेकार्थी सब्द कहते है |
अंबर:……………………… वस्त्र, आनोश, कपास, अभ्रक, बादल, अमृत।
अमृत :……………………. सुधा, जल, घी, अन्न, मुक्ति, पारा, सोना।
अहि :……………………… साँप, राहु, पृथिवी, सूर्य, दुष्ट, वृत्रासुर।
आराम :……………………. वाटिका, सुविधा, राहत, विश्राम।
अंकोर : …………………….गोद, भेंट, रिश्वत, कलेवा, दुपहरी।
अंब :………………………… आम का वृक्ष या फल, माता, दुर्गा।
अदिति : …………………….देवताओं की माता, पृथ्वी, प्रकृति।
अर्क :………………………. सूर्य, आक, इन्द्र, ताँबा, विष्णु, आसव।
अरुणलोचन: ………………लाल, नेत्र, कबूतर, कोकिल।
अर्भ: ………………………..बालक, शिष्य, शिशिर, सागपात।
अश्म:……………………….. पत्थर, पर्वत, बादल।
आलि :……………………… सखी, बिच्छू, भ्रमरी, पंक्ति, बाँध, सेतु।
उरु:………………………….जाँघ, विशाल, श्रेष्ठ।
ऊर्मि :………………………..लहर, दुःख, शिकन, कपड़े की सिलवट, पीड़ा।
कपिल :…………………….. अग्नि, कुत्ता, चूहा, शिलाजीत, शिव, वानर,
सूर्य, विष्णु, मटमैला, सफेद, एक मुनि।
कलधौत :……………………. सोना, चाँदी, सुमधुर, सुन्दर, धुला हुआ।
कलापिनी :………………….. मोरनी, रात्रि।
कलि :……………………….. विवाद, शिव, पाप, युद्ध, दुःख, एक युग, वीर।
कशिपु :……………………… तकिया, बिछौना, अन्न, भात, आसन, कपड़ा, प्रहलाद के पिता।
कांत :……………………….. पति, श्रीकृष्ण, विष्णु, चन्द्रमा, शिव, बसन्त, ऋतु, कार्तिकेय ।
कोष : ………………………..शब्दसंग्रह, खजाना, म्यान, डिब्बा।
कलत्र :……………………….स्त्री, नितम्ब, किला।
समानार्थी शब्द किसे कहते है ?
वे शब्द जो सामान अर्थ के कारण दूसरे शब्द का स्थान लेते है, वे समानार्थी शब्द कहलाते है |
चतुर’ समानार्थी शब्द है………………………….चालाक
‘जल’ का समानार्थी शब्द है…………………….पानी, नीर, अम्बु
‘तरंग’ का समानार्थी शब्द है…………………….उर्मि
‘तुरंग’ किसका समानार्थी शब्द है……………….घोड़ा
‘नाव’ का समानार्थी शब्द है……………………तरी, नौका, डोंगी ‘
नवनीत’ का समानार्थी शब्द है…………………..ताजा मक्खन
‘निर्वात’ का समानार्थी शब्द है………………….बिना हवा वाला
‘नम्रता’ का समानार्थी शब्द है………………….’विनीत
‘नृप’ का समानार्थी शब्द है…………………….भूप, महीप
‘पयोधि’ समानार्थी शब्द है……………………..समुद्र का
‘प्रयोजन’ का समानार्थी शब्द है……………….लक्ष्य, उद्देश्य
‘भाव’ का समानार्थी शब्द है……………………. दर, विचार, अभिप्राय
‘मनोहर’ का समानार्थी शब्द है…………………सुहावना
‘मन्तव्य’ का समानार्थी शब्द है…………………सम्मति
‘मखाना’ का समानार्थी शब्द है…………………तालमखाना
‘मुकुल’ का समानार्थी शब्द है………………….कली
शब्दार्थ
शब्द अर्थ
कनक ————————————————————-सोना, धतूरा।
सरस ————————————————————–रस से युक्त (रसयुक्त) मृदु।
शशांक————————————————————-चन्द्रमा।
वाङ्मय—————————————————————वाणी का विकार।
अजातशत्रु———————————————————–जिसका कोई शत्रु न हो।
व्यसन————————————————————–बुरी आदत, लत, दुराचरण।
अंशु—————————————————————सूर्य, किरण, वस्त्र।
वैध—————————————————————-कानूनी दृष्टि से मान्य।
परोक्ष————————————————————-जो आँखों के सामने न हो, आँखो से ओझल, गैरहाजिर।
युगल————————————————————-दो का समूह।
अंबर————————————————————-आकाश, नभ, अम्र।
दिगंबर———————————————————–नंगा, नग्न (वस्त्रहीन)।
अव्यय ———————————————————–अक्षय, नित्य, व्यय न होना, विष्णु, शिव।
स्मर ————————————————————याद, स्मृति, कामदेव।
कुलीश ——————————————————–वज्र, हीरा, कुठार।
अजिर———————————————————-आँगन, शरीर, वायु, इंद्रियविषय।
अस्तेय———————————————————चोरी न करना।
आतिथेय——————————————————-अतिथि का सत्कार करने वाला।
असन ———————————————————भोजन।
परिधान ——————————————————–पोशाक।
अन्तःपुर ——————————————————-घर या महल का भीतरी भाग जिसमें स्त्रियाँ रहती हैं।
read more…….
Our Social Media Sites
👉Jᴏɪɴ Telegram Group🧙♀️
Telegram Group
👉Jᴏɪɴ Telegram Channel💁♀️
Telegram Channel
💁♀️Join YouTube Channel👈
Youtube
👉Join WhatsApp Channel👈
WhatsApp
9555496252
======================
👉Follow On Facebook👈
Facebook
👉Follow On Instagram👈
Instagram
✅️ Post अच्छा लगे तो Reaction❤️👌👏👍🤟🤘🙏💁🏻 और SHARE जरूर करे!
सर्वनाम किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण …………..
सर्वनाम किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण………………
सर्वनाम की परिभाषा
संज्ञा के स्थान पर आने वाले
शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।
जैसे: तुम, हम, आप, उसका,
आदि I सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर आता है।
सर्वनाम 2 शब्दों का योग करके बनता है………
सर्व+नाम, इसका यह अर्थ है
कि जो नाम शब्द के स्थान पर
उपयुक्त होता है
उसे सर्वनाम कहते हैं।
सर्वनाम के भेद……………..
सर्वनाम के भेद 6 प्रकार के होते हैं,
जैसे-
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक (सूचक) सर्वनाम
- अनिश्चितकालीन सर्वनाम
- सापेक्ष सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- व्यक्तिगत सर्वनाम
read more……………..
DOWNLOAD
सर्वनाम पीडीऍफ़ हिंदी में
लिंग किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………..
लिंग किसे कहते है , परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण……………………….
लिंग………………
शब्द के जिस रूप से
उसकी जाति (नर, मादा)
का बोध होता है,
उसे लिंग (Gender in hindi) कहते हैं।
लिंग दो प्रकार के होते हैं –
शब्दों के जिस रूप न में
उनके ‘नरत्व’ (पुरुषत्व)
का बोध होता है,
उसे ‘पुल्लिंग’ तथा
शब्दों के जिस रूप से
उसके ‘स्त्रीत्व’ का
बोध होता है, उसे ‘कहते हैं।
पुल्लिंग शब्द – लङका, बैल, पेङ, नगर आदि।
स्त्रीलिंग शब्द – गाय, लङकी, लता, नदी आदि।
हिन्दी भाषा में सृष्टि के
समस्त पदार्थों को दो ही
लिंगों में विभक्त किया गया है।
निर्जीव शब्दों का लिंग निर्धारण कठिन होता है,
सजीव शब्दों का लिंग
संस्कृत के पुल्लिंग तथा नपुंसकलिंग शब्द,
जो हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं,
उसी रूप में स्वीकार कर लिए गए हैं,
जैसे- तन, मन, धन, देश, जगत्
आदि पुल्लिंग तथा सुन्दरता,
आशा, लता दिशा जैसे शब्द स्त्रीलिंग है।
हिन्दी में जो शब्द रूप या बनावट के
आधार पर पुल्लिंग होते हैं,
उनका परिचय इस प्रकार है
अकारान्त पुल्लिंग शब्द
राम, बालक, गृह, सूर्य, सागर आदि।
आकारान्त पुल्लिंग शब्द घडा, चूना, बूरा आदि।
इकारान्त पुल्लिंग शब्द कवि, हरि, कपि, वारि।
ईकारान्त पुल्लिंग शब्द- मोती, पानी, घी आदि।
उकारान्त पुल्लिंग शब्द भानु, शिशु, गुरु आदि।
ऊकारान्त पुल्लिंग शब्द बाबू, चाकू, आलू, भालू आदि।
प्रत्यान्त पुल्लिंग शब्द आव या आवा
(घुमाव, पङाव, बढ़ावा, चढ़ावा), ना (चलना,
तैरना, सोना, जागना,)
पन (लङकपन, भोलापन, बङप्पन, बचपन),
आन (मिलान,
खानपान, लगान),
खाना (डाकखाना, चिडियाखाना)।
अर्थ की दृष्टि से पुल्लिंग शब्द प्रायः
धातुओं और रत्नों के नाम सोना, लोहा, हीरा, मोती
आदि (चाँदी को छोङकर)।
भोज्य पदार्थ पेडा, लड्डू, हलुवा,
अनाजों के नाम गेहूँ, जौ, चना।
दिनों-महीनों के नाम सोमवार से
रविवार तक सभी दिन, हिन्दी महीनों के नाम चैत्र,
बैसाख, सावन, भादों आदि।
हिमालय, हिन्दमहासागर, भारत,
चन्द्रमा आदि पर्वत, सागर, देश और
ग्रहों के नाम (पृथ्वी) पुल्लिंग होते हैं।
===========================
Our Social Media Sites
👉Jᴏɪɴ Telegram Group🧙♀️
Telegram Group
👉Jᴏɪɴ Telegram Channel💁♀️
Telegram Channel
💁♀️Join YouTube Channel👈
Youtube
👉Join WhatsApp Channel👈
WhatsApp
9555496252
======================
👉Follow On Facebook👈
Facebook
👉Follow On Instagram👈
Instagram
✅️ Post अच्छा लगे तो Reaction❤️👌👏👍🤟🤘🙏💁🏻 और SHARE जरूर करे!
विशेषण किसे कहते है ,
परिभाषा , प्रकार , और उदाहरण…………….
विशेषण किसे कहते है ,परिभाषा ,
प्रकार , और उदाहरण…………….
विशेषण………………
विशेषण वे शब्द होते हैं
जो संज्ञा या सर्वनाम की
विशेषता बताते हैं।
ये शब्द वाक्य में संज्ञा
के साथ लगकर संज्ञा
की विशेषता बताते हैं।
विशेषण विकारी शब्द होते हैं
एवं इन्हें सार्थक शब्दों के
आठ भेड़ों में से एक माना जाता है।
बड़ा, काला, लम्बा, दयालु,
भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा मेढ़ा,
एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, अच्छा,
बुरा, मीठा, खट्टा आदि
विशेषण शब्दों के कुछ उदाहरण हैं।
विशेषण की परिभाषा………….
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता
(गुण, सं ख्या, मात्रा या परिमाण आदि)
बताते हैं विशेषण कहलाते हैं।
जैसे……………
बड़ा, काला,
लंबा, दयालु,
भारी, सुन्दर,
अच्छा, गन्दा,
बुरा, एक, दो आदि।
वहां चार लड़के बैठे थे।
अध्यापक के हाथ में लंबी छड़ी है
वह घर जा रहा था।
गीता सुंदर लड़की है
विशेष्य………….
जिन संज्ञा या सर्वनाम
शब्दों की विशेषता बताई जाए
वे विशेष्य कहलाते हैं।
जैसे – मोहन सुंदर लड़का है
प्रविशेषण………….
विशेषण शब्द की भी
विशेषता बतलाने वाले शब्द
‘प्रविशेषण’ कहलाते हैं।
जैसे – राधा बहुत सुंदर लड़की है।
इस वाक्य में सुंदर (विशेषण)
की विशेषता बहुत शब्द के
द्वारा बताई जा रही है।
इसलिए बहुत
प्रविशेषण शब्द है।
विशेषण के भेद
हिन्दी व्याकरण में विशेषण के मुख्यतः
4 भेद या प्रकार होते हैं।
- गुणवाचक
- परिमाणवाचक
- संख्यावाचक
- सार्वनामिक
या सर्वनाम के गुण या
दोष का बोध हो,
उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।
ये विशेषण भाव, रंग, दशा,
आकार, समय, स्थान,
काल आदि से सम्बन्धित होते है।
जैसे – अच्छा, बुरा, सफेद,
काला, रोगी, मोटा, पतला,
लम्बा, चौड़ा, नया, पुराना,
ऊँचा, मीठा, चीनी, नीचा,
प्रातःकालीन
आदि।
गुणवाचक विशेषणों में
‘सा’ सादृश्यवाचक पद
जोड़कर गुणों को कम
भी किया जाता है।
जैसे लाल-सा, बड़ा-सा,
छोटी-सी, ऊँची-सी आदि।
कभी-कभी गुणवाचक
विशेषणों के विशेष्य वाक्य लुप्त हो जाते हैं।
ऐसी स्थिति में संज्ञा का काम
भी विशेषण ही करता है।
जैसे – बड़ों का आदर करना चाहिए।
दीनों पर दया करनी चाहिए।
गुणवाचक विशेषण में विशेष्य के
साथ कैसा कैसी लगाकर प्रश्न
करने पर विशेषण पता किया जाता है।
जिन विशेषण शब्दों से
किसी वस्तु के परिमाण,
मात्रा, माप या तोल का बोध
हो वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है।
इसके दो भेद हैं।
।. निश्चित परिमाणवाचक दस क्विटल, तीन किलो, डेढ़ मीटर।
II. अनिश्चित परिमाणवाचक थोड़ा,
इतना, कुछ, ज्यादा, बहुत,
अधिक, कम, तनिक, थोड़ा,
इतना, जितना, ढेर सारा।
संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो,
उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे बीस दिन, दस किताब,
सात भैंस आदि। यहाँ पर बीस,
दस तथा सात- संख्यावाचक विशेषण हैं।
तीन, ढाई, पहला, दूसरा,
इकहरा, दुहरा, तीनो,
चारों, दर्जन, जोड़ा, प्रत्येक।
II. अनिश्चित संख्यावाचक कई, कुछ, काफी, बहुत।
सर्वनाम (मैं, तू, वह) के
अतिरिक्त अन्य सर्वनाम
जब किसी संज्ञा के पहले आते हैं,
तब वे संकेतवाचक या
जैसे यह घोड़ा अच्छा है।,
वह नौकर नहीं आया।
यहाँ घोड़ा और नौकर संज्ञाओं के
पहले विशेषण के रूप में ‘यह’
और ‘वह’ सर्वनाम आये हैं।
अतः ये सार्वनामिक विशेषण हैं।
जैसे – यह विद्यालय, वह बालक, वह खिलाड़ी आदि ।
व्युत्पत्ति के अनुसार सार्वनामिक विशेषण के भी दो भेद है-
मौलिक सार्वनामिक विशेषण
यौगिक सार्वनामिक विशेषण
1. मौलिक सार्वनामिक विशेषण जो
सर्वनाम बिना रूपान्तर के संज्ञा के
पहले आता हैं
उसे मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
जैसे
वह लड़का,
यह कार,
कोई नौकर,
कुछ काम इत्यादि।
जो मूल सर्वनामों में प्रत्यय लगाने से बनते हैं।
जैसे –
कैसा घर, उतना काम,
ऐसा आदमी, जैसा देश इत्यादि।
विशेष्य और विशेषण में संबंध
ऊपर आपने विशेषण और विशेष्य के
बारे में पढ़ा, अब इन दोनों के संबंधों पर बात करेंगे।
“वाक्य में विशेषण का प्रयोग दो प्रकार से होता है
कभी विशेषण विशेष्य के पहले आता है
और कभी विशेष्य के बाद।”
इस प्रकार प्रयोग की दृष्टि से विशेषण के दो भेद हैं-
1. विशेष्य विशेषण………………….
जो विशेषण विशेष्य के पहले आये,
वह विशेष्य विशेष होता हैं।
जैसे –
संगीता सुंदर लड़की है।
इन वाक्यों में चंचल और सुंदर क्रमशः
बालक और लड़की के पहले आये हैं।
के विशेषण हैं, जो संज्ञाओं (विशेष्य)
2. विधेय विशेषण………………..
जो विशेषण विशेष्य और क्रिया के बीच
आये, वहाँ विधेय – विशेषण होता हैं।
जैसे –
मेरा कुत्ता लाल हैं।,
मेरा लड़का आलसी है।
इन वाक्यों में लाल और आलसी ऐसे विशेषण हैं,
जो क्रमशः कुत्ता (संज्ञा) और है
(क्रिया) तथा लड़का (संज्ञा)
और है (क्रिया) के बीच आये हैं।
विशेषण के लिंग, वचन आदि विशेष्य के लिंग,
वचन आदि के अनुसार होते हैं।
जैसे –
अच्छे लड़के पढ़ते हैं।,
नताशा भली लड़की है।,
रामू गंदा लड़का है। आदि
यदि एक ही विशेषण के अनेक विशेष्य हों
तो विशेषण के लिंग और वचन समीप वाले विशेष्य के लिंग,
वचन के अनुसार होंगे,
नये पुरुष और नारियाँ,
नयी धोती और कुरता। आदि
====================================
Our Social Media Sites
👉Jᴏɪɴ Telegram Group🧙♀️
Telegram Group
👉Jᴏɪɴ Telegram Channel💁♀️
Telegram Channel
💁♀️Join YouTube Channel👈
Youtube
👉Join WhatsApp Channel👈
WhatsApp
9555496252
======================
👉Follow On Facebook👈
Facebook
👉Follow On Instagram👈
Instagram
✅️ Post अच्छा लगे तो Reaction❤️👌👏👍🤟🤘🙏💁🏻 और SHARE जरूर करे!